वह समारोह पूरी दुनिया मे live चल रहा था

 2005 मे मनमोहनसिंह doctorate की डिग्री लेने oxford यूनिवर्सिटी गए ! वह समारोह पूरी दुनिया मे live चल रहा था, वहाँ उन्होने बहुत ही तकलीफ देने वाला भाषण दिया,जो शायद किसी भी स्वाभिमानी भारतीय को नीचा दिखाने केलिए ही था !


 उन्होंने भाषण का आरम्भ ही ऐसे किया! 

 *lहम #अंग्रेजों के बहुत ही आभारी है,जो उन्होंने भारत मे आकर अपनी सरकार बनाई !😢

* हम अंग्रेज़ों के बहुत आभारी है , जो उन्होंने आकर भारत में #शिक्षाव्यवस्था दी !😢

* हम अंग्रेज़ों के बहुत आभारी है जो उन्होने यहाँ आकर #न्यायव्यवस्था स्थापित की !😢

* हम अंग्रेज़ों के बहुत आभारी है जो उन्होंने भारतीय लोगों को #विज्ञान सिखाया !😢

* हम अंग्रेजों के बहुत आभारी है जो उन्होंने हमें विज्ञान और तकनीकी समझाया !😢

* हम अंग्रेज़ों के बहुत आभारी है , जो उन्होंने #अंग्रेजीभाषा हमको सिखाई !

और ऐसा ही वो 40 मिनट तक बोलते रहे !😢😢



* अगले दिन क्या हुआ #लंदन के सभी #अखबारों में तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री #मनमोहन सिंह का ये वक्तव्य छापा ! 

 और इस वक्तव्य के साथ सभी समाचार पत्रों में #संपादकीय टिप्पणी भी छपी, और ज़्यादातर संपादकीय टिप्पणियों में ये छपा की हमारे देश #इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री #विंस्टलचर्चिल " ने 1945 में कह दिया था , कि ये देश (भारत) आजाद होने लायक देश नहीं है !😢


* भारत के #प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह , लंदन मे व्याख्यान देकर ये सिद्ध कर दिया था कि भारत आजादी के इतने साल बाद भी अभी मानसिक रूप से गुलाम है ! 😢😢😢😢

  जिस देश का प्रधानमंत्री अभी भी अंग्रेज़ो के गुणगान करता हो , उस देश की जनता की #मानसिकगुलामी की स्थिति क्या होगी ? 

 उसका अंदाजा हम लगा सकते हैं !  

 ** ऐसे काग्रेंसी , ग़ुलामी मानसिकता से ग्रसित, प्रधानमंत्री को भारत ने दस वर्षों तक सहन किया है !!!!